झकनावद की ग्राम पंचायत पर अधिकारियों की खामोशी से : भ्रष्टाचारियों के हौसले आसमान छू रहे हैं।

Tarun rathod
Fri, Jun 6, 2025
संवादाता रविराज भाटी
झकनावदा:-पेटलावद जनपद पंचायत पेटलवाद की ग्राम पंचायत झकनावादा की खबर लगने के बाद भी अधिकारीयो की नींद नहीं खुल रही और उनकी मोन स्वीकृती इन भ्रष्टाचारियों के हौसले ओर बुलंद कर रहे हैं। उनके रवैये से ऐसा प्रतीत होता है की कही ना कही अधिकारीओ के द्वारा भी किये गये भ्रष्टाचार सामने आ जाएंगे। जिसके डर से अपने हाथों में भ्रष्टाचार के लगे दाग को छिपाने के चक्कर में लीपा पोती करके बचने की कोशिश की जा रही है लेकिन वह कोशिश पुरी नही हो रही ओर समय निकलता जा रहा है।ओर जिस फिराक मे लगे है शायद वह नाकाम हो रही है इसीलिए कोई भी इस ग्राम पंचायत पर कारवाही करने मे असमर्थ दिखाई दे रहा है तभी तो सब कुछ जानकर भी अंजान बनने का ढोंग कर रहे हैं।
ग्राम पंचायत सचिव का कहना है की
पंचायत सचिव विनोद देवदा का कहना है की ग्राम पंचायत ने गलत तो किया है लेकिन हम क्या कर सकते है आपके ही ग्राम पंचायत समिति के सदस्य जो बोल रहे है वो हम कर रहे है। ओर उसके बाद भी आपको दुकान देंगे पर आपकी जो दुकान है वह तो आपको भी पता है की किसके पास है लेकिन हम उन से खाली नहीं करवा सकते। ओर दूसरी साइड वाली दुकान आप को दे रहे है व भी दूसरे को दे रखी है और उससे भी पैसे लिए है और आपसे पंचायत ने पैसे लिए
अब सावल यह उठता है की
अगर ग्राम पंचायत यह सब मानने को तैयार है तो फिर उसकी कार्यवाही करने के लिए कोई लिखित मे ऊपर अधिकारिको को क्यो नही दे रहे है अगर आपसे कार्यवाही नही हो रही तो आप उच्च अधिकारी को क्यो नही कहते। कहि ना कही सचिव भी भ्रष्टाचारीओ के साथ मिलकर भ्रष्टाचार तो नही कर रहा। या गाँव के कुछ नेता पद लेकर बैठे और अपने पावर से पंचायत चला रहे है और अपनी मन मर्जी से भृस्टाचार कर रहे है
जनपद पंचायत पेटलावद सीईओ का क्या कहना है।
इस मामले मे जिले से जो भी जानकारी दी जाएगी उस पर कार्यवाही की जाएगी।
अब सावल यह भी है की कब तक ग्रामीण को भटकाया जायेगा। इसकि दुकान कब तक दिलाई जाएगी।
सूत्रों से यह जानकारी भी मिली है की
जनपद पंचायत सिओ राजेश दीक्षित जी के द्वारा कई बार इस संबंध में जानकारी दी जा चुकी है ओर कई बार आवेदन देकर भी जानकारी दी गई है उक्त जानकारी देने के बाद भी एक आदेश भी दिया गया की दुकान 15 दिवस मे मिल जाएगी लेकिन आज 3 से 4 माह बित चुके है लेकिन आज दिनांक तक दुकान ग्राम पंचायत द्वारा नही दी गई। ओर उसके बाद अभी तक ग्राम पंचायत पर नही आये की मेरे दबारा जो आदेश दिया उस पर ग्राम पंचायत द्वारा कार्यवाही की गई या नही। यहा तक की पिछली बार इस ग्राम पंचायत पर समिति बनाकर जांच भी करवाली गई ओर सब जानते है उसके बाद भी कोई ठोस कदम अभी तक नही उठाया गया। ग्राम पंचायत झकनावद पर आपकी इतनी मेहरबानी क्यो है इस बात से यही आसय लग रह है कि आप भी भ्रष्टाचार के दलदल में फसे हुए ओर जब भी बात करो तो एक हि जवाब मिलता है उस पर कार्यवाही चल रही है लेकिन कब तक चलेगी यह नही कह रहे ओर जिला अधिकारिओ के द्वारा जो भी अपडेट आएगा हम उस पर कार्यवाही करेंगे। इतने मेहरबान है कि के सचिव विनोद देवदा पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद भी कार्यवाही इनके द्वारा नही की गई । और कार्यवाही करने से सचिव को बचाने की कोशिश कर रहे है।
क्यू की देश के चौथे स्तंभ मीडिया के माध्यम लगाई गई खबर का भी असर आप पर नही हो रहा है ओर खबर लगाने के बाद भी एवं प्रिंट मीडिया में भी समाचार प्रकाशित करने के बाद भी जिमेदार अधिकारयो की मोन प्रवती यह साबित करती है कि इस ग्राम पंचायत के साथ इनका भी पूरा सहयोग दिया जा रहा है। इसलिए इन पर कोई ठोस कार्यवाई नही हो पा रही है। इससे यह प्रतीत होता है की इस मामले मे अधिकारियों की मोन स्वीक्रति भ्रष्टाचारियों को ओर भ्रष्टाचार करने की छुट दी जा रही है। ओर इनका काम आसान कर उनको ओर बढ़ावा मिल रहा है। यह केवल एक प्रशासन की चूक नही बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की सरकार की जो मंशा है उस पर एक गहरा दाग है।।।।और इसी को देखते हुए इस मामले की अनियमितता को देखने के बाद ही मीडिया के माध्यम से समाचार पत्रों मे प्रकाशित किया गया है जो कि स्थानी मीडिया ने इसको प्रमुख्ता से उठाया लेकिन हैरत करने वाली बात तो ये है की जिला पंचायत सीओ जनपद पंचायत सीओ जैसे शीर्षपदों पर बैठे अधिकारी मुखदर्शक बनकर बैठे है । ओर इन को कोई आदेश क्यो नही दे रहे है।
अब देखते है इस आम नागरिक की पुकार ये अधिकारी कब तक नही सुनेंगे? ओर इसे ग्रामीण का हक कब तक दिला पाएंगे? या ये भी दूसरों की तरह सुसाइड जैसा कदम उठाने पर मजबूर तो नहीं होगा। क्या इसी का रास्ता देख रहे है अधिकारी उस के बाद कभी प्रशासन जागे देखते है आगे क्या होता है। कब तक इस मामले को लेकर अधिकारियो की चुप्पी रहती है 4 साल बीत गये है। अब यह मामला दिन पे दिन ओर गंभीर होता जा रहा है।
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